Tigress Arrowhead Passes Away at Ranthambore
रणथंभौर की मशहूर बाघिन एरोहेड (T-84) का गुरुवार को निधन हो गया। वह 14 साल की थीं और काफी समय से हड्डियों के कैंसर (Bone Cancer) से पीड़ित थीं। वन विभाग ने बताया कि उनका इलाज चल रहा था और वो लगातार निगरानी में थीं। Arrowhead की मौत के कुछ ही घंटे पहले उनकी बेटी RBT 2507 को मुकुंदरा टाइगर रिज़र्व में भेजा गया। ये एक इमोशनल पल था, मानो मां ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली हो और फिर विदा ले ली।

रणथंभौर टाइगर रिज़र्व ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट में लिखा:
“Arrowhead, जो हमारी जंगल की शान थीं, अब हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने आखिरी समय तक हिम्मत नहीं हारी।”
Arrowhead’s Final Hunt: A Crocodile Near Padam Talab
अपनी मौत से ठीक दो दिन पहले Arrowhead (T-84) ने जो किया, वो आज भी हर कोई याद कर रहा है। जोन 3 में पदम तालाब के पास, उन्होंने एक मगरमच्छ का शिकार किया। चश्मदीदों के मुताबिक, एरोहेड काफी देर से पानी के पास चुपचाप बैठी थीं। जैसे ही मगरमच्छ बाहर निकला, उन्होंने झपट्टा मारा। लगभग एक मिनट की ज़ोरदार भिड़ंत में मगरमच्छ हार गया।

ये नज़ारा एकदम वैसा था जैसा कभी उनकी नानी मछली (T-16) ने किया था। मछली को ‘Crocodile Killer’ कहा जाता था, और अब लगता है एरोहेड ने भी वही जज्बा दिखाया।
Part of a Legendary Tiger Family
Arrowhead का जन्म रणथंभौर की फेमस बाघिन कृष्णा (T-19) से हुआ था और वो मछली की नातिन थीं। मछली को इंडिया की सबसे फेमस बाघिनों में गिना जाता है। Arrowhead Tigress अपने खूबसूरत लुक्स, शांत लेकिन ताकतवर शिकार स्टाइल और जंगल में दमदार मौजूदगी के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने कई सालों तक जोन 3 में अपनी टेरिटरी बनाई और वहां राज किया।
उनके बच्चों को अब दूसरे जंगलों में भेजा जा रहा है ताकि जंगल में बाघों की संख्या बढ़े और उनकी विरासत आगे बढ़े।
People Mourn the Loss of Arrowhead

Arrowhead की मौत से पूरे वाइल्डलाइफ जगत में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें याद कर रहे हैं और श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनके आखिरी शिकार का वीडियो भी वायरल हो चुका है।
अब एरोहेड हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन उनकी कहानियाँ, उनकी बहादुरी और उनका नाम रणथंभौर की मिट्टी में हमेशा ज़िंदा रहेगा।
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