मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) के ऐतिहासिक मैदान पर नितीश कुमार रेड्डी ने एक नई उपलब्धि हासिल करते हुए इतिहास रच दिया, 21 वर्षीय नितीश ने ऑस्ट्रेलिया में नंबर 8 पर बल्लेबाज़ी करते हुए शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ बनने का गौरव हासिल किया, स्कॉट बोलैंड की गेंद पर चौका लगाकर नितीश ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा किया। यह क्षण न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए गर्व का विषय था, मैदान पर मौजूद करीब 80,000 दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से इस युवा बल्लेबाज़ का स्वागत किया, स्टेडियम में मौजूद उनके पिता की आंखों में भी गर्व के आंसू छलक आए.
Nitish Reddy : Faith Amid Criticism
Nitish Reddy का चयन ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए काफी सवालों के घेरे में था, विशेषकर तब, जब उन्हें पर्थ में अपना डेब्यू करने का मौका मिला, गेंदबाजी में उनकी प्रदर्शन स्थिर था, लेकिन बतौर चौथे गेंदबाज विकेट न ले पाने की वजह से उनकी आलोचना भी हुई। हालांकि, कोच गौतम गंभीर का भरोसा उन पर बना रहा और नितीश ने अपने प्रदर्शन से सभी आलोचकों को करारा जवाब दिया.
Crucial Partnership with Washington Sundar
Nitish Reddy ने वाशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण 100 से अधिक रनों की साझेदारी की, इस साझेदारी ने न केवल भारत को फॉलोऑन से बचाया, बल्कि मैच में वापसी की उम्मीद भी जगा दी। उनकी पारी संयम और बेहतरीन तकनीक का उत्कृष्ट उदाहरण थी।
Nitish Reddy : Record-Breaking Innings
Nitish Reddy की इस शानदार पारी ने कई रिकॉर्ड तोड़े। उन्होंने अनिल कुंबले के 87 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया, जो नंबर 8 या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए किसी भारतीय का ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ा स्कोर था। इसके अलावा, वह ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बन गए।
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Youngest Indians to Score a Test Century in Australia:
- 18 years 256 days: Sachin Tendulkar (Sydney, 1992)
- 21 years 92 days: Rishabh Pant (Sydney, 2019)
- 21 years 216 days: Nitish Reddy (Melbourne, 2024)
Highest Scores Batting at No. 8 or Below for India in Australia:
- 105: Nitish Reddy (Melbourne, 2024)*
- 87: Anil Kumble (Adelaide, 2008)
- 81: Ravindra Jadeja (Sydney, 2019)
A Salute to the Skies
शतक पूरा करने के बाद नितीश ने आसमान की ओर देखकर एक खास अंदाज में जश्न मनाया। उनके इस जज्बे और खेल के प्रति समर्पण ने हर किसी का दिल जीत लिया।
Nitish Reddy की इस यादगार पारी ने न केवल भारतीय क्रिकेट टीम को मुश्किल परिस्थिति से उबारा, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि अगर युवा खिलाड़ियों को सही मंच और समर्थन मिले, तो वे चमत्कार कर सकते हैं। आने वाले समय में नितीश रेड्डी भारतीय क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकते हैं।